शहर की गलियों में बहार आ गई थी। मानवी और कार्तिक, दोनों ही अपने अपने कॉलेज के दिनों से दोस्त थे, लेकिन आज कुछ खास था। मानवी ने जैसे ही कॉलेज के बाहर कदम रखा, कार्तिक की नजरें उस पर ठहर गईं।
“तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हो,” कार्तिक ने मुस्कुराते हुए कहा। मानवी ने शर्माते हुए उसे धन्यवाद कहा। दोनों ने कॉफी हाउस का रुख किया जहां वे अक्सर मिलते थे।
कॉफी हाउस में बैठे बैठे, कार्तिक ने मानवी की आंखों में देखा और कहा, “मानवी, मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।” मानवी की धड़कनें तेज हो गईं। “हाँ, बोलो कार्तिक,” उसने उत्सुकता से कहा।
“मैं… मैं तुमसे प्यार करता हूँ, मानवी। यह सिर्फ दोस्ती से कहीं ज्यादा है।” कार्तिक की आवाज में एक गंभीरता थी। मानवी कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गई, फिर उसके चेहरे पर एक मीठी मुस्कान आ गई।
“मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ, कार्तिक। मैंने सोचा नहीं था कि तुम भी मेरे बारे में वैसे ही सोचते होगे।”
दोनों की नजरें मिलीं और वे हाथों में हाथ डाले बैठे रहे। उस दिन के बाद से, उनकी दोस्ती ने प्यार का रूप ले लिया। वे एक दूसरे के साथ हर छोटे बड़े पल को साझा करने लगे।
एक दिन, कार्तिक ने मानवी को शहर के प्रसिद्ध पार्क में ले गया। वहां पर एक खूबसूरत झील के किनारे उसने घुटनों पर बैठकर मानवी से शादी के लिए पूछा। मानवी की आँखों में खुशी के आँसू थे।
“हाँ, कार्तिक, मैं तुम्हारी हमेशा के लिए होना चाहती हूँ।”
उनकी शादी एक भव्य समारोह में हुई जहां उनके परिवार और दोस्त मौजूद थे। उन्होंने एक नए जीवन की शुरुआत की, जिसमें प्यार और समर्पण के बंधन ने उन्हें और भी करीब ला दिया था। उनकी कहानी बताती है कि सच्चा प्यार कभी भी, कहीं भी शुरू हो सकता है और जब प्यार सच्चा हो, तो वह हमेशा अपना रास्ता ढूंढ लेता है।